लेखनी कविता -सोनू का स्वप्न - बालस्वरूप राही
सोनू का स्वप्न / बालस्वरूप राही
एक परी सपने में सोनू जी से मिलने आई,
आखिर परी परी थी, सोनू जी को बेहद भाई।
बोली-"अगले सोमवार को फिर मिलने आऊँगी,
अपने साथ खिलौने, बिस्कुट, टॉफी मैं लाऊँगी।"
सोनू ने यह बात सभी को कई बार बतलाई,
पर विश्वास किया न किसी ने सब ने हँसी उड़ाई।
अगले सोमवार की आखिर रात मगर जब आई,
सूट पहन कर सोए सोनू, बाँध गले में टाई।